देवी महात्म्यं चमुन्देस्वरी मङ्गलं
DEVI MAHATMYAM CHAMUNDESWARI MANGALAM
देवी महात्म्यं चमुन्देस्वरी मङ्गलं
DEVI MAHATMYAM CHAMUNDESWARI MANGALAM
श्री शैलराज तनये चण्ड मुण्ड निषूदिनी
मृगेन्द्र वाहने तुभ्यं चामुण्डायै सुमङ्गलं|1|
पञ्च विंशति सालाड्य श्री चक्रपुअ निवासिनी
बिन्दुपीठ स्थितॆ तुभ्यं चामुण्डायै सुमङ्गलं||2||
राज राजेश्वरी श्रीमद् कामेश्वर कुटुम्बिनीं
युग नाध तते तुभ्यं चामुण्डायै सुमङ्गलं||3||
महाकाली महालक्ष्मी महावाणी मनोन्मणी
योगनिद्रात्मके तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||4||
मत्रिनी दण्डिनी मुख्य योगिनी गण सेविते|
भण्ड दैत्य हरे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||5||
निशुम्भ महिषा शुम्भे रक्तबीजादि मर्दिनी
महामाये शिवेतुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
काल रात्रि महादुर्गे नारायण सहोदरी
विन्ध्य वासिनी तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
चन्द्र लेखा लसत्पाले श्री मद्सिंहासनेश्वरी
कामेश्वरी नमस्तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
प्रपञ्च सृष्टि रक्षादि पञ्च कार्य ध्रन्धरे
पञ्चप्रेतासने तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
मधुकैटभ संहत्रीं कदम्बवन वासिनी
महेन्द्र वरदे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
निगमागम संवेद्ये श्री देवी ललिताम्बिके
ओड्याण पीठगदे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||12||
पुण्देषु खण्ड दण्ड पुष्प कण्ठ लसत्करे
सदाशिव कले तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||12||
कामेश भक्त माङ्गल्य श्रीमद् त्रिपुर सुन्दरी|
सूर्याग्निन्दु त्रिलोचनी तुभ्यं चामूण्डायै
सुमङ्गलं||13||
चिदग्नि कुण्ड सम्भूते मूल प्रकृति स्वरूपिणी
कन्दर्प दीपके तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||14||
महा पद्माटवी मध्ये सदानन्द द्विहारिणी
पासाङ्कुश धरे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||15||
सर्वमन्त्रात्मिके प्राज्ञे सर्व यन्त्र
स्वरूपिणी
सर्वतन्त्रात्मिके तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||16||
सर्व प्राणि सुते वासे सर्व शक्ति स्वरूपिणी
सर्वा भिष्ट प्रदे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||17||
वेदमात महाराज्ञी लक्ष्मी वाणी वशप्रिये
त्रैलोक्य वन्दिते तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||18||
ब्रह्मोपेन्द्र सुरेन्द्रादि सम्पूजित पदाम्बुजे
सर्वायुध करे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||19||
महाविध्या सम्प्रदायै सविध्येनिज वैबह्वे|
सर्व मुद्रा करे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||20||
एक पञ्चाशते पीठे निवासात्म विलासिनी
अपार महिमे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||21||
तेजो मयीदयापूर्णे सच्चिदानन्द रूपिणी
सर्व वर्णात्मिके तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||22||
हंसारूढे चतुवक्त्रे ब्राह्मी रूप समन्विते
धूम्राक्षस् हन्त्रिके तुभ्यं चामूण्डायै
सुमङ्गलं||23||
माहेस्वरी स्वरूपयै पञ्चास्यै वृषभवाहने|
सुग्रीव पञ्चिके तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||24||
मयूर वाहे ष्ट् वक्त्रे कॊउमरी रूप शोभिते
शक्ति युक्त करे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
पक्षिराज समारूढे शङ्ख चक्र लसत्करे|
वैष्नवी संज्ञिके तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
वाराही महिषारूढे घोर रूप समन्विते
दंष्त्रायुध धरॆ तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
गजेन्द्र वाहना रुढे इन्द्राणी रूप वासुरे
वज्रायुध करॆ तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
चतुर्भुजॆ सिंह वाहे जता मण्डिल मण्डिते
चण्डिकॆ शुभगे तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
दंश्ट्रा कराल वदने सिंह वक्त्रॆ चतुर्भुजे
नारसिंही सदा तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
ज्वल जिह्वा करालास्ये चण्डकोप समन्विते
ज्वाला मालिनी तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
भृगिणे दर्शितात्मीय प्रभावे परमेस्वरी
नन रूप धरे तुभ्य चामूण्डायै सुमङ्गलं||
गणेश स्कन्द जननी मातङ्गी भुवनेश्वरी
भद्रकाली सदा तुब्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
अगस्त्याय हयग्रीव प्रकटी कृत वैभवे
अनन्ताख्य सुते तुभ्यं चामूण्डायै सुमङ्गलं||
||इति
श्री चामुण्डेश्वरी मङ्गलं सम्पूर्णं||
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