कृष्ण
अष्टकं
KRISHNA ASHTAKAM
कृष्ण अष्टकं
KRISHNA ASHTAKAM
वसुदेव सुतं
देवं कंस चाणूर मर्दनम् |
देवकी परमानन्दं
कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ||
अतसी पुष्प
सङ्काशं हार नूपुर शोभितम् |
रत्न कङ्कण
केयूरं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ||
कुटिलालक
संयुक्तं पूर्णचन्द्र निभाननम् |
विलसत्
कुण्डलधरं कृष्णं वन्दे जगद्गुरम् ||
मन्दार गन्ध
संयुक्तं चारुहासं चतुर्भुजम् |
बर्हि पिञ्छाव
चूडाङ्गं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ||
उत्फुल्ल
पद्मपत्राक्षं नील जीमूत सन्निभम् |
यादवानां
शिरोरत्नं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ||
रुक्मिणी केलि
संयुक्तं पीताम्बर सुशोभितम् |
अवाप्त तुलसी
गन्धं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ||
गोपिकानां
कुचद्वन्द कुङ्कुमाङ्कित वक्षसम् |
श्रीनिकेतं
महेष्वासं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ||
श्रीवत्साङ्कं
महोरस्कं वनमाला विराजितम् |
शङ्खचक्र धरं
देवं कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम् ||
कृष्णाष्टक मिदं
पुण्यं प्रातरुत्थाय यः पठेत् |
कोटिजन्म कृतं
पापं स्मरणेन विनश्यति ||
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